अगर आपसे पूछा जाए कि “साइकिल क्या है” तो आपका जबाव होगा, “हां” । यहीं हम आपसे पूछें कि “साइकिल के खोजकर्ता” या “साइकिल का अविष्कार किसने किया?” तो शायद इसके बारे में कुछ ही लोगों को जानकारी हो। अपने जीवन में हर किसी ने कभी न कभी तो साइकिल का उपयोग अवश्य ही किया होगा और वैसे भी इसे दुनिया का सबसे सस्ता ट्रांसपोर्ट व्हीकल के रूप में भी जाना जाता है।

हालांकि, इस व्हीकल को चलाने के लिए आपको किसी प्रकार की ईंधन की आवश्यकता नहीं पड़ती, फिर भी आज के दौर में बहुत कम ही लोग इसका इस्तमाल करते हैं। क्योंकि आज के समय में इस साइकिल की जगह मॉडर्न व्हीकल (Bike) ने जगह बना ली है।
मगर लोगों को आज भी cycle का इस्तमाल करना बहुत पसंद है। इस Cycle का इस्तमाल करने का विशेष कारण हमारी सेहत को फिट रखना और पर्यावरण को वायु प्रदूषण से बचाना है। तो चलिए फिर आगे बढ़ते हुए आपको उन सवालों के जबाव बताते हैं।
साइकिल का अविष्कार किसने किया था ?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिस साइकिल के स्वरुप को हम अपने आस पास देखते हैं। उस साइकिल का अविष्कार आज से लगभग 200 साल पहले जर्मन के एक वन अधिकारी “Karl von Drais” द्वारा 1817 में किया गया था। Karl Von Drais जर्मन के वन अधिकारी होने के साथ ही बिडेर्मियर काल में एक महत्वपूर्ण अविष्कारक भी थे। Karl von Drais का पूरा नाम “Karl Friedrich Christian Ludwig Freiherr Drais von Sauerbronn” है।

वह समय बिना पैडल वाली साइकिल का सबसे प्रारम्भिक रूप था। जर्मन के वन अधिकारी Karl von Drais के द्वारा बनाई गयी लकड़ी की साइकिल थी, जिसका वजन तकरीबन 23 किलोग्राम था। उन्होंने अपने इस अविष्कार को दुनिया के समक्ष लाने के लिए 12 जून 1817 को जर्मनी के दो शहर मैनहेम से राइनाऊ के मध्य चलायी गयी थी। Karl von Drais को 7 किलोमीटर (4.3 मील) की दूरी तय करने में 1घंटे से भी थोड़ा अधिक समय लगा।

साइकिल के अविष्कार के अलावा भी इनके द्वारा अन्य अविष्कार भी किये गए थे। कार्ल वॉन ड्रैस के कुछ महत्वपूर्ण अविष्कार कुछ इस प्रकार हैं।
1. पियानो संगीत रिकॉर्ड करने के लिए कागज पर एक उपकरण 1812 में बनाया था ।
2. 1821 में, इन्होंने सबसे पुराने कीबोर्ड वाले टाइप राइटर का भी अविष्कार किया।
3. 1827 में, एक प्रारम्भिक स्टेनोटाइप मशीन या शॉर्टहैंड मशीन का अविष्कार किया।
4. 1840 में, कार्ल वॉन ड्रैस द्वारा दुनिया की पहली मांस की चक्की (मांस ग्राइंडर) और इंसुलेशन कुकर (एक प्रकार का कुकर) जैसे सेल्फ कुकिंग उपकरणों का भी अविष्कार किया।
5. 1842 में, इनके द्वारा ही एक पैदल चलने वाला मानव संचालित रेलवे वाहन का अविष्कार किया। जिसका नाम “ड्रेसीन” रखा गया और जिसको आज भी रेलवे में हैंडकार के लिए इस्तमाल किया जाता है।
पैडल वाली साइकिल का अविष्कार किसने किया ?
कार्ल वॉन के अविष्कार (साइकिल) से प्रेरित होकर पैर से घुमाए जाने वाली क्रैंको (पैडल) का अविष्कार फ्रांस के एक मैकेनिक व आविष्कारक “पियरे लालेमेंट” ने 1866 में किया और इन्हीं को ही पैडल साइकिल का अविष्कारक मानते हैं।
बाद में, इसकी लोकप्रियता बढ़ने और बढ़ती मांग को देखते हुए इंग्लैंड, अमेरिका और फ्रांस के यंत्रनिर्माताओ ने इसमें अनेक महत्वपूर्ण बदलाव कर 1872 में तानयुक्त पहिये भी लगाए गए थे। इसमें आगे वाला पहिया 30 इंच से लेकर 64 इंच व्यास तक तथा पीछे वाला पहिया 12 इंच व्यास का होता था। इसके साथ ही क्रैंको (पैडल) के अलावा गोली की वेयरिंग और ब्रेक भी लगाए गए थे।
भारत में साइकिल की शुरुआत कब हुई ?
भारत में साइकिल का इतिहास काफी पुराना है। इसलिए हम आपको “भारत में साइकिल कब आई” इसके बारे में बताने वाले हैं जो कि सामान्य ज्ञान के हिसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण है। बात साल 1910 की है, जब ब्रिटश सरकार द्वारा भारत में तकरीबन 35000 साइकल्स लाने और उन्हें बेचने का आदेश दिया।

इस आधार पर हम कह सकते हैं कि भारत में साइकिल की पहचान इंग्लैंड द्वारा कराई गयी। परन्तु भारत में साल 1942 में साइकिल का निर्माण आरम्भ हुआ। साइकिल बनाने वाली पहली कंपनी “हिन्द साइकिल” की स्थापना भारत के मुंबई की गई और इसमें बनी साइकिल का नाम हिन्द साइकल्स रखा गया।
साइकिल के पहियों ने भारत में आर्थिक रूप से तरक्की का अहम हिस्सा बनी। साल 1947 में भारत की आजादी के बाद आगे के कई दशकों तक देश में साइकिल यातायात के मुख्य साधनों में से एक था। जबकि साल 1960 से लेकर 1990 तक भारत के काफी परिवारों के पास साइकिल मौजूद थी।
क्योंकि यह व्यक्तिगत यातायात का सबसे महत्वपूर्ण और बहुत ही किफायती साधन बन चुका था। साइकिल का इस्तमाल गांवों से बाजारों, डाक विभाग कार्य (पोस्टमैन) जैसे साइकिल से चिट्ठियां बाटना आदि कार्य साइकिल के जरिये ही पूर्ण किये जाते थे।
साइकिल के मुख्य भाग या पार्ट्स क्या हैं ?
1. फ्रेम
2. पहिया
3. हैंडल
4. सीट
5. पैडल
साइकिल चलाने के क्या-क्या फायदे हैं ?
हमने आपको अभी तक के आर्टिकल में साइकिल का इतिहास क्या है, भारत में साइकिल की शुरुआत कब हुई और साइकिल के भागों आदि के बारे बता चुके हैं। लेकिन अब आपको हम साइकिल चलाने के फायदों के बारे में बताने वाले हैं, जो कि कुछ इस प्रकार हैं।
1. साइकिल चलाने से ईंधन की खपत और उससे होने वाले वायु प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
2. पेट की चर्बी कम करने के लिए आपको प्रतिदिन आधा घंटा साईकिल जरूर चलनी चाहिए, जिससे कि आपकी सेहत बानी रहे।
3. साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम अच्छे ढंग से कार्य करता है और बीमार होने का भी खतरा कम रहता है।
4. जो लोग प्रतिदिन साइकिल चलाते हैं, उनको घुटने और जोड़ों में दर्द की समस्या से आराम पहुँचता है।
5. एक रिसर्च के मुताबिक जो लोग प्रतिदिन 30 मिनट साइकिल चलाते हैं, उनका दिमाक एक साधारण इंसान के मुकाबले ज्यादा एक्टिव रहता है।
साइकिल पर
साइकिल से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर (Q&A) –
Q. क्या आप जानते हैं, अंतर्राष्ट्रीय विश्व साइकिल दिवस कब मनाया जाता है?
Ans. 3 जून
Q. क्या आप जानते हैं, साइकिल को संस्कृत में क्या बोलते हैं?
Ans. संस्कृत में साइकिल को द्विचक्रिका कहा जाता है।
Q. क्या आप जानते हैं, साइकिल को हिंदी में क्या बोलते हैं?
Ans. साइकिल को हिंदी में साइकिल ही कहा जाता है।
Q. दुनिया की सबसे महंगी साइकिल कौन-सी है?
Ans. “ट्रेक बटरफ्लाई मैडोन” दुनिया की सबसे महंगी साइकिल है, वहीं इसकी कीमत की बात करें तो, यह 5 लाख अमेरिकी डॉलर की है और भारतीय करेंसी में इसकी कीमत 3 करोड़ 77 लाख रूपए आएगी है।
