नैनोतकनीक(Nanotechnology) क्या है- देखा जाए तो आज का समय टेक्नोलॉजी का समय है । टेक्नोलॉजी दिन पर दिन बढ़ रही है । आज के युग में बहुत सी चीजें पहले से बहुत छोटी और बेहतर होती जा रही हैं । हर समय कुछ ना कुछ नई टेक्नोलॉजी आती रहती है पहले के मुकाबले सभी सामानों की गुणवत्ता भी पहले से और ज्यादा बढ़ती जा रही है । जैसे कि दवाइयां पहले के मुकाबले और भी ज्यादा असरकारक बनने लगी हैं ।
अब तो कुछ ऐसे पेंट भी बनाए जा रहे हैं जिन पर कभी पानी नहीं रुकता । हमने Hindi Digit के इस आर्टिकल में आपको नैनो टेक्नोलॉजी के बारे में बहुत ही सरलता से समझाने का प्रयास किया है । आप सभी ने नैनो कार के बारे में जरूर सुना ही होगा यह कार अपने साइज की वजह से काफी प्रचलित थी । इसे इंडिया की सबसे छोटी कार भी कहा जाता था । नैनोटेक्नोलॉजी भी ऐसी ही होती है ।
नैनोटेक्नोलाजी में जिन पार्टिकल्स को इस्तेमाल में लिया जाता है वह साइज में बहुत ही छोटे होते हैं। इस टेक्नोलॉजी को इतना इफेक्टिव माना जाता है, कि भविष्य में सभी क्षेत्रों के अंदर इसका इस्तेमाल किया जाएगा ।
नैनोटेक्नोलॉजी का इस्तेमाल | Use of Nanotechnology
आप सभी को नैनो टेक्नोलॉजी से जुड़ी हुई सभी जानकारियों के बारे में अवश्य ही पता होना चाहिए । इसलिए हिंदी डिजिट के इस आर्टिकल में हमने नैनोटेक्नोलॉजी से संबंधित सभी जानकारियां देने का प्रयास किया है । वैसे तो सभी क्षेत्रों में नैनो टेक्नोलॉजी का उपयोग होता है ।
लेकिन निम्न प्रकार के क्षेत्रों में इसका उपयोग सबसे ज्यादा किया जा रहा है ।
- Chemistry
- Biology
- Physics
- Material Science
- Engineering
- Health Sector
Nanotechnology क्या है | What is Nanotechnology in Hindi

एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिसकी मदद से हम एक अकेले एटम या फिर मॉलिक्यूल को देख सकते हैं । फिर हम उसे अपने हिसाब से डिजाइन भी कर सकते हैं । नैनो शब्द को नैनोज शब्द से लिया गया है जो कि एक ग्रीक भाषा का शब्द है। जिसका मतलब होता है सूक्ष्म या छोटा नैनो वह पदार्थ है, जो बहुत ही छोटे आकार के तत्वों से मिलकर बना होता है ।
नैनो कण क्या है ? (Nano Particles in Hindi) – यह 100 नैनोमीटर से ज्यादा छोटे पार्टिकल पर कार्य करती है ।

इस टेक्नोलॉजी को कुछ अन्य नामों से भी जाना जाता है उन्हीं में से एक अप्लाइड साइंस है। यह टेक्नोलॉजी जिन पार्टिकल्स पर कार्य करती है । वह आकार में बहुत ही छोटे होते हैं लेकिन इन पार्टिकल की पावर बहुत ही ज्यादा होती है । नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से एनर्जी कंजक्शन एफिशिएंसी को और ज्यादा बढ़ाया जा सकता है ।
नैनो टेक्नोलॉजी का भविष्य | Future of Nanotechnology
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में इसके इस्तेमाल पर ज्यादा से ज्यादा जोर दिया जा रहा है । देखा जाए तो नैनोटेक्नोलॉजी और नैनोसाइंस दोनों का ही कोई Tern नहीं है । इसका कारण है कि कुछ केमिस्ट समय से पहले ही पॉलीमर्स बना चुके हैं ।
लगभग 20 सालों से कंप्यूटर के क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल होता आ रहा है, जो कि कंप्यूटर चिप्स के रूप में किया जाता है । इस टेक्नोलॉजी की मदद से हमारे वातावरण को और अधिक साफ बनाया जा सकता है ।
इतना ही नहीं बहुत सारी गंभीर से गंभीर बीमारियों को भी नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से खत्म किया जा सकता है । इसकी खास बात यह है, कि इससे बनने वाले सारे प्रोडक्ट का आकार बहुत ही छोटा होता है । यह सभी प्रोडक्ट वजन में काफी हल्के होने के साथ-साथ कीमत में भी तुलनात्मक रूप से काफी सस्ते होंगे ।
इन प्रोडक्ट को बनाने में ऊर्जा की आवश्यकता कम होगी और Raw Material भी बहुत कम लगेगा । नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से कुछ क्षेत्रों में बहुत तेजी से उछाल आने की संभावनाएं हैं, जैसे बायो साइंस मेडिकल साइंस और इलेक्ट्रॉनिक्स आदि ।
नैनो टेक्नोलॉजी की शुरुआत
इस टेक्नोलॉजी का विचार भौतिक शास्त्री Richard Feynman के दिमाग में सबसे पहले आया ।

जब उन्होंने एक मीटिंग में कहा कि “There’s Plenty of Room of the Bottom” 29 दिसंबर 1959 को “कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी” में एक अमेरिकी भौतिक सोसाइटी की मीटिंग के अंदर कही हुई बात ही नैनोटेक्नोलॉजी का आधार बनी ।
प्रोफेसर Norio Taniguchi के द्वारा एक दशक के बाद इस शब्द का प्रयोग किया गया ।
जब इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी का आविष्कार हुआ ।
तब से लेकर आज तक नैनोटेक्नोलॉजी पर रिसर्च निरंतर जारी है और भविष्य में भी ऐसे ही यह रिसर्च चलती रहेंगी ।
नैनोटेक्नोलॉजी को प्रयोग में लाने के लिए वैज्ञानिकों के द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं ।
Nano Science शब्द को भी सबसे पहले Norio Taniguchi के द्वारा ही डिफाइन किया गया था ।

बात यह है, कि नैनोटेक्नोलॉजी को समझा कैसे जाएँ । क्योंकि यह टेक्नोलॉजी तो बहुत ही छोटी होती है । लेकिन हम इसे निम्न प्रकार से समझ सकते हैं ।
इन सभी पैरामीटर्स को जानने के बाद आप सभी को अंदाज तो लग ही जाएगा ।
इन्हीं पैरामीटर से हमें यह भी पता चलता है, कि नैनोमीटर कितने छोटे पार्टिकल होते हैं ।
नैनो टेक्नोलॉजी के फायदे
देखा जाए तो ज्यादातर क्षेत्रों में नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें नैनो टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल काफी ज्यादा हो रहा है । उनमें से कुछ निम्न प्रकार है –
स्वास्थ्य (Health) –
स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह टेक्नोलॉजी काफी बेहतर साबित हो सकती है ।
इसकी मदद से कुछ ऐसी सूक्ष्म दवाइयां बनाई जा सकती हैं ।
वह हमारी शरीर में मौजूद सभी कोशिकाओं में से कैंसर के कोशिकाओं को पता पहचानने के बाद उसका इलाज करने में सक्षम होंगी ।
हमारे शरीर में नसों की ब्लॉकेज को खत्म करने के लिए, हम इस टेक्नोलॉजी से बने छोटे-छोटे नैनो सेल्स की सहायता ले सकते हैं ।
जिन्हें हमारे शरीर में कृत्रिम रूप से इंजेक्ट किया जाएगा ।
यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार होंगे ।
स्वास्थ्य (Health) | Nanotechnology in Medicine –
स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह टेक्नोलॉजी काफी बेहतर साबित हो सकती है ।
इसकी मदद से कुछ ऐसी सूक्ष्म दवाइयां बनाई जा सकती हैं, जो कि हमारी शरीर में मौजूद सभी कोशिकाओं में से कैंसर के कोशिकाओं को पता पहचानने के बाद उसका इलाज करने में सक्षम होंगी ।
हमारे शरीर में नसों की ब्लॉकेज को खत्म करने के लिए, हम इस टेक्नोलॉजी से बने छोटे-छोटे नैनो सेल्स की सहायता ले सकते हैं ।
जिन्हें हमारे शरीर में कृत्रिम रूप से इंजेक्ट किया जाएगा । यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मददगार होंगे ।
कच्चामाल (Raw Material) | नैनोमटेरियल किसे कहते हैं ?
मटेरियल के बारे में बात करें तो अब जो मटेरियल बन रहा है । उसकी मजबूती पहले से बहुत ज्यादा होती है ।
नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से हर प्रकार के मटेरियल की Molecular Assembly को हम काफी आसानी से समझ सकते हैं ।
इस मटेरियल का साइज भी हमारे बालों के बराबर या इससे भी कम बनाया जा सकता है ।
इसके अलावा इसकी Processing Power को अधिक बेहतर बनाया जा सकेगा ।
अब तो आप सभी जान गए होंगे कि नैनो मटेरियल क्या है ।
कृषि में नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग ( Nanotechnology in Agriculture ) –
कृषि के क्षेत्र में भी इसका काफी इस्तेमाल किया जा सकता है और खाद्य बनाने के लिए फसल के उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा बढ़ाया जा सकेगा ।
परिवहन (Transportation) –
इस टेक्नोलॉजी की मदद से हम इंडस्ट्रीज और गाड़ियों के खतरनाक धुएं को हानि रहित गैस में बदल सकते हैं ।
ऐसा करने से वायु प्रदूषण में काफी ज्यादा गिरावट आएगी ।
इसकी मदद से बल्ब को को सस्ता और कम से कम बिजली की खपत वाला बनाया जा सकता है ।
इलेक्ट्रानिक्स (Nanotechnology in Electronics) | Nanotechnology Engineering –
वैसे तो इलेक्ट्रॉनिक्स में काफी सालों से इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता आ रहा है, लेकिन अब जो Microprocessor बन रहे हैं । वह पहले के मुकाबले काफी छोटे हैं ।
अब जिन Processors को बनाया जा रहा है और वह पहले की अपेक्षा काफी छोटे हैं ।
निर्माण (Manufacturing) | Nano Technology Products –
इसके अंतर्गत वह निर्माण आते हैं, जिन सभी के बारे में आप सोचते हैं जैसे कि प्लास्टिक मेकिंग फाइबर मेकिंग और वह सभी निर्माण जिनके बारे में हम अभी सोच भी नहीं सकते ।
इन सभी से हमारा आने वाला समय काफी अकल्पनीय होगा ।
चिकित्साविज्ञान (Medical Science) –
इस टेक्नोलॉजी की मदद से मेडिकल के क्षेत्र में कुछ ऐसी Nano Cells या Nano Robot बनाए जा सकेंगे ।
जो हमारे शरीर की सभी बीमारियों को बहुत बारीक लेवल पर ठीक कर सकेंगे ।
रोबोटिक (Robotics) –
Robotics के बारे में आप सभी लगभग जानते ही होंगे ।
देखा जाए तो इस दुनिया में Robotics की उपयोगिता सबसे अधिक मानी जाती है, लेकिन इससे नुकसान भी काफी हैं ।
