Microsoft Windows क्या है और जानें इसका इतिहास

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क्या आप जानते हैं माइक्रोसॉफ्ट विंडोज क्या है? (What is Windows) आज के समय में Windows OS का इस्तेमाल बहुत ही common है। जो लोग Computer के बारे में जानकारी रखते हैं। वह विंडोज के बारे में जरूर जानते होंगे। लेकिन विंडोज की पूरी जानकारी बहुत ही कम लोग रखते हैं।

देखा जाए तो Microsoft के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं। इसकी जानकारी ज्यादातर उन्हीं लोगों को रहती है जिन्होनें कभी न कभी कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल किया हो। वैसे तो इंटरनेट पर भी इसके बारे में काफी जानकारियाँ हैं लेकिन वहाँ भी इसके बारे में संछिप्त में नहीं बताया गया है। विंडोज क्या है और विंडोज कितने प्रकार का होता है?

विंडोज क्या है? : What is Windows in Hindi

Microsoft Windows kya hai
Microsoft Windows kya hai

Microsoft Windows एक प्रकार का सिस्टम सॉफ्टवेयर है जिसे Graphical Interface वाला Operating System भी बोलते हैं। विंडोज को दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर और IT कंपनी Microsoft Corporation द्वारा बनाया गया था। यह बहुत ही आसानी से इस्तेमाल में लिया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम प्रसिद्ध होने के साथ-साथ पूरे विश्वभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाता है।

विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम GUI (Graphics User Interface) पर कार्य करता है। इसका यह फायदा है कि आप अलग-अलग प्रोग्राम और टास्क एक साथ Run करा सकते हैं। इसीलिए माइक्रोसॉफ्ट ने “Windows” शब्द को चुना। माइक्रोसॉफ्ट हमेशा से कुछ unique और साधारण शब्द ही इस्तेमाल में लेता आ रहा है। यही कारन है कि कंपनी ने अपने नाम के साथ विंडोज शब्द को जोड़ दिया। जिसे आप अब “Microsoft Windows” के नाम से जानते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट के विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में GUI होने के कारण यह इस्तेमाल करने में बहुत ही आसान है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम एक प्रकार का main software ही है। हम जो भी सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करते हैं वो सभी इसी main सॉफ्टवेयर पर रन करते हैं। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम आसान होने के कारण ही स्कूलों के सिलेबस में सबसे ज्यादा पढ़ाया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है।

Operating System क्या है?

ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System) ऐसा प्रोग्राम या main software होता है जो अन्य सभी प्रोग्राम चलाने का कार्य करता है। ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर और कंप्यूटर उपयोग करने वाले के बीच मध्यस्थता का काम करता है। कंप्यूटर हमारे द्वारा दी गयी कमांड समझ नहीं सकता क्योंकि वह एक मशीन है। इसी कारण से कंप्यूटर को कमांड देने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम को इस्तेमाल किया जाता है।

ऑपरेटिंग सिस्टम को OS के नाम से भी जाना जाता है। OS hardware devices को कुछ सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के जरिए ऑपरेट करने की सुविधा प्रदान करता है। जिन्हें हम Drivers के नाम से भी जानते हैं।

देखा जाए तो “कंप्यूटर संचालन और नियंतरण का कार्य OS (Operating System) के द्वारा ही किया जाता है।”

विंडोज की विशेषताएं | Features of Windows

विंडोज एक ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसे आसानी से इस्तेमाल में लिया जा सकता है। यह एक प्रोडक्ट है जिसे Microsoft कंपनी की तरफ से साल 1985 में लॉन्च किया गया था। इसे शुरुआत से ही दो नामों से जाना जाता है। जिसे आप माइक्रोसॉफ्ट विंडोज और विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम से जानते हैं।

माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम है। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के लांच से पहले MS-Dos का इस्तेमाल किया जाता था। MS-Dos में GUI (Graphical User Interface) न होने के कारण इसमें किसी कार्य को करने से पहले निर्देश (Commands) का इस्तेमाल किया जाता था।

लेकिन Windows OS आने से ही कुछ नए फीचर जैसे tabs, icons, dialog boxes और menus की वजह से इसे इस्तेमाल करना और समझना और भी ज्यादा आसान हो गया। इसके साथ ही इसमें Cursor होने के कारण इसका इस्तेमाल और ज्यादा आसान हो गया।

विंडोज का इतिहास | History of Windows in Hindi

विंडोज के इस्तिहास बात करें तो इसके इतिहास की शुरुआत 1985 में हुई थी। क्योंकि 1985 में ही विंडोज का पहला version लॉन्च किया गया था। जिसका नाम माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 1 रखा था। विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम आज भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाने ऑपरेटिंग सिस्टम है।
जबकि विंडोज का सबसे बड़ा प्रतिस्पर्धी भी मार्केट में मौजूद हैं जो कि Mac OS Apple कंपनी का सबसे ज्यादा secure ऑपरेटिंग सिस्टम है। लेकिन विश्व भर में users की पहली पसंद सिर्फ विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को ही माना जाता है।

देखा जाए तो विंडोज के 27 version को माइक्रोसॉफ्ट अभी तक ला चुकी है। जिसमें कि हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट ने Windows 11 को लॉन्च किया है। अब हम आपको इसके अभी तक के सारे versions के बारे में बताएंगे।

Windows 1.0

माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर Bill Gates ने नवंबर 1985 में विंडोज का फर्स्ट version (windows 1.0) लॉन्च किया था। यह पहला GUI (Graphical User Interface) ऑपरेटिंग सिस्टम था। जिसे माइक्रोसॉफ्ट द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे कुछ बेसिक फंक्शन जोड़े गए, जैसे – MS Paint, कैलकुलेटर, कैलेंडर और MS WordPad. जो कि ऑफिस के कामों में रोज काम आने वाली एप्लीकेशन हैं।

Windows 2.0

माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज के दूसरे अपडेट यानि कि Windows 2.0 को 1987 में रिलीज़ किया। विंडोज 2.0 को कुछ ऐसे फीचर (जैसे – Minimize और Maximize ) के साथ लांच किया गया। जिन्हें हम आज भी इस्तेमाल करते हैं। यह VGA (Video Graphics Array) को सपोर्ट करने वाला पहला विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम था। 286 प्रोसेसर का सपोर्ट सबसे पहले विंडोज 2.0 को ही मिला था।

लेकिन आगे चलकर इसे और बेहतर करने के लिए Windows/286 2.03 के नाम से Provisional Version Windows 2.0 को माइक्रोसॉफ्ट ने रिलीज़ किया। Windows का यह पहला version था, जिसमें 286 प्रोसेसर का सपोर्ट दिया गया था। इसके साथ ही यह 640X480 resolution को भी सपोर्ट करता था।

Windows 3.0

विंडोज 3.0 को साल 1990 में रिलीज़ किया गया था। विंडोज 1 और विंडोज 2.0 को अपडेट करके ही windows 3.0 को लांच किया गया था। इसके सबसे बड़े अपडेट में GUI के साथ-साथ Icons को भी दिया गया।

माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा लाया गया, यह पहला ऐसा ऑपरेटिंग सिस्टम था। जिसमें Hard Disk का इस्तेमाल किया जाता था। इसमें डेवेलपर्स को SDK (Software Development Kit) के द्वारा एप्लीकेशन और सॉफ्टवेयर बनाने में काफी मदद मिलती थी।

Solitaire नाम के Game को पहली बार इसी के साथ ही लांच किया गया था, जो कि बहुत ही फेमस था। माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 3.0 मे Multitasking, Virtual Memory और Improved Graphics की वजह से इसकी सेल को और भी ज्यादा बड़ा दिया था।

Windows 3.1

Windows 3.1 को साल 1992 में रिलीज़ किया गया था। देखा जाए तो यह Windows 3.0 का ही अपग्रेड version है। इसमें MS Dos को पहली बार Mouse के जरिए कण्ट्रोल कर सकते थे। इस विंडो को कुछ नए improved Fonts और 1 MB RAM और 15 MB की हार्ड डिस्क को लगाया गया। इसके अलावा इसमें CD-ROM और RAM का सपोर्ट भी दिया गया था। किसी भी प्रोग्राम को बंद करने के लिए इसमें रेड कलर के Button को cross (X) के Sign के साथ दिया गया।

विंडोज 3.1 में किसी भी प्रोग्राम के Hang होने पर Ctrl + Alt + Del की मदद से उस प्रोग्राम या application को बंद करने की भी सुविधा दी गई थी। यह Multimedia को सपोर्ट करने वाला पहला ऑपरेटिंग सिस्टम था।

Windows 95

Windows 95 को विंडोज 3.1 के मुकाबले काफी ज्यादा अपग्रेड किया गया था। विंडोज 95 को Start Menu और Start Button के साथ अगस्त 1995 में लांच किया गया था। इस विंडो में Taskbar को Multitasking के अनुसार ही बनाया गया था।

विंडोज 95 में पहली बार 32-bit ऑपरेटिंग सिस्टम को भी introduce कराया गया था। इसे compatibility को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसके साथ ही “Plug and Play” concept को भी सामने लाया गया। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक ऐसा फंक्शन भी जोड़ा गया जिसमें खुद से ही Appropriate Drivers को फाइंड करने की याग्यता थी। इसके साथ ही इसमें एक और खास फंक्शन को जोड़ा गया , जिसमें हम लॉन्ग फाइल नेम को इस्तेमाल में ले सकते थे।

Microsoft Windows 98

Windows 98 ऐसा पहला ऑपरेटिंग सिस्टम था, जिसमें DVDs को रीड करने की सुविधा दी गई थी। इसे ख़ास तौर पर consumers के लिए ही डिज़ाइन किया गया था। इसके अलावा इसमें USB को पढ़ने की योग्यता को और भी ज्यादा बढ़ाया गया।

इस ऑपरेटिंग सिस्टम में कुछ और नए फीचर्स को जोड़ा गया, जैसे कि Windows Explorer में Address Bar, Back and Forward Navigation Button और विंडोज ड्राइवर मॉडल कंप्यूटर कम्पोनेंट्स आदि। इसमें सभी तरह की accessories के लिए एक ऐसा ड्राइवर बनाया गया जो कि भविष्य में विंडोज के आने वाले सभी versions को सपोर्ट दे सके।

Microsoft Windows ME

इसे कुछ खास फीचर्स के साथ 14th September, 2000 को लांच किया गया, जैसे कि Windows Media Player, Internet Explorer 5.5 और Windows Movie Maker आदि। यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम का Millennium edition (ME) का आखिरी ऑपरेटिंग सिस्टम था। इसे MS-Dos Kernel में बनाया गया था।

इसमें Digital Camera से इमेजेज को डाउनलोड करने के लिए इमेज acquisition के फंक्शन को भी जोड़ा गया था। जिससे कि Digital Media को सपोर्ट मिल सके।

System Restore के फीचर को भी इसमें जोड़ा गया, जिससे कि सिस्टम फाइल्स के डिलीट होने पर आप उन्हें restore कर सकें।

Windows 2000

वर्ष 2000 में विंडोज 2000 को लांच किया गया था। इसे कुछ एडवांस फीचर्स के साथ लाया गया था। जैसे – Device Manager और Disk Defragmenter आदि। विंडोज को Automatic Update करने की सुविधा भी इस ऑपरेटिंग सिस्टम में दी गई थी। इसके साथ ही यह OS Hibernation फीचर को भी सपोर्ट करता था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक साथ कई सारे devices को plug and play कर सकते थे।

Windows XP

Windows XP माइक्रोसॉफ्ट का अब तक का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध ऑपरेटिंग सिस्टम था। जो कि 2001 में रिलीज़ हुआ था। हम यह भी कह सकते हैं कि यह अब तक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ऑपरेटिंग सिस्टम था। इसके इतना प्रसिद्ध होने का एक कारण यह भी है कि यह काफी ज्यादा User-friendly OS था। वहीं हम इसके लास्ट अपडेट की बात करें तो इसको April 2014 में लास्ट अपडेट मिला था। इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज XP को हमेशा के लिए बंद कर दिया। इसके साथ ही यह अब तक का सबसे ज्यादा सेल होने वाला OS भी बना।

विंडोज XP को ग्रीन स्टार्ट मेनू के साथ-साथ इसे नए अपडेटेड टास्क बार के साथ लांच किया गया था। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में ग्रीन कलर का स्टार्ट बटन बहुत ही familiar साबित हुआ। इसके अलावा इसमें कई तरह के ग्राफिकल अपग्रेड भी किए गए थे, जैसे – Shadow Effects, Vista Wallpaper, Visual Effects और Blue Taskbar इसके क्लीन सिस्टम को खासतौर पर लसद पर text को आसानी से पढ़े जाने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसमें कुछ और भी खास फीचर दिए गए थे, जैसे – CDs को ऑटोप्ले करना, other media से ऑटोप्ले करना और Built-in CD Burning फंक्शन आदि।

सिक्योरिटी को लेकर विंडोज XP में बहुत ही समस्या आती थी। इसका कारण यह था कि इसमें Firewall built-in होने के साथ firewall by default turned off ही रहता था। इस वजह से विंडोज XP के यूजर काफी चिंतित रहते थे।

Windows Vista

Windows Vista को साल 2006 में लांच किया गया था। Security System को और ज्यादा मजबूत करने के लिए इसमें BitLocker ड्राइव Encryption के Data Protection को लाया गया। Windows XP की कमियों को देखते हुए Windows Vista में बहुत सारे अपडेट किए गए। मनोरंजन को बेहतर करने के लिए भी इसमें कई अपग्रेड किए गए, जैसे – Better Display Design, Photograph Customization और Video Editing.

यह माइक्रोसॉफ्ट का ऐसा पहला OS था, जिसे DVD में कॉपी करके कस्टमर्स को डिस्ट्रीब्यूट किया गया था। PC Gaming की दुनिया में Windows Vista के आने से काफी ज्यादा बूस्ट मिला था। क्योंकि इसके लिए माइक्रोसॉफ्ट DirectX 10 टेक्नोलॉजी को इसमें जोड़ा गया। काफी सारे Bugs होने के कारण Windows Vista सिर्फ 3 साल तक ही चल पाया।

इसमें और भी कई नए फीचर्स जैसे – Speech Recognition, Photo Gallary और Windows DVD Maker को जोड़ा गया। इस OS में Internet Explorer 7 और Windows Media Player 11 के अपग्रेड version के साथ-साथ इसमें Windows Defender नाम का एक प्रोग्राम भी जोड़ा गया जो कि एक Antivirus Program है।

Windows 7

Windows 7 को फ़ास्ट स्पीड के साथ October 2009 में लांच किया गया था। यह OS इस्तेमाल करने में काफी आसान होने के साथ ज्यादा स्टेबल भी था। विंडोज 7 ऑपरेटिंग सिस्टम को Windows XP और Windows Vista की अपेक्षा और बेहतर बनाने की कोशिश की गई। विंडोज 7 के users ने इसे बिज़नेस के लिए भी काफी इस्तेमाल किया।

ऑटोमैटिक विंडोज resizing के साथ-साथ Handwriting Recognition की शुरुआत भी विंडोज के इसी ऑपरेटिंग सिस्टम से हुई। Internet Explorer 8 को भी इस ऑपरेटिंग सिस्टम में जोड़ा गया था। इसमें फोटोज, म्यूजिक और वीडियोज को Streaming करने के लिए इसमें फंक्शन जोड़ा गया। इसके अलावा Files और Folders को लॉक करने, Photo Flipping जैसी सुविधाओं को भी इसमें जोड़ा गया था।

इसमें कुछ और फीचर भी जोड़े गए थे, जैसे – Shake, Snap और Peek. इसके साथ ही इसमें विंडोज टच का फीचर भी जोड़ा गया जिससे कि यूजर को Browsing करने में काफी आसानी हो।

Windows 8

Windows 8 भी माइक्रोसॉफ्ट का एक पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह किया गया, कि इसके स्टार्ट बटन या स्टार्ट मेनू को पूरी तरह से बदल दिया गया। जिससे कि यह और ज्यादा टच फ्रेंडली स्टार्ट स्क्रीन बन सके।

इस ऑपरेटिंग स्य्स्टेम्को पिछले version से ज्यादा फ़ास्ट बनाने का प्रयास किया गया। इसके साथ इसमें हमें USB 3.0 devices का सपोर्ट भी देखने को मिला। इसमें कुछ नए प्रोग्राम भी जोड़े गए, जैसे – Bing, Microsoft App Store, News Weather, Messanger etc.

विंडोज 8 में कुछ नई टेक्नोलॉजी को भी इसमें शामिल किया गया जैसे – Cloud Computing, Low- Power Architecture, Near-Field Communications, UEFI Firmware और Serial Bus 3.0 (USB 3.0) etc. इसके अलावा सिक्योरिटी के तौर पर इसमें Built-in Antivirus के साथ-साथ Spam detection और Malware Filtering को भी शामिल किया गया।

Windows 10

माइक्रोसॉफ्ट ने विंडोज 10 को लगभग सभी जरूरी फीचर्स के साथ 30 September 2014 में लांच किया। इसकी लॉन्चिंग के बाद लगातार इसमें नए-नए फीचर जोड़े जा रहे हैं। जो कि users को लेटेस्ट अपडेट के जरिए प्राप्त होते हैं।

Windows 10 में स्टार्ट मेनू को लगभग पुराने versions की तरह ही कर दिया गया। इसके अलावा पुराने सभी versions की कमियों को विंडोज 10 में दूर कर दिया गया।

इसके विंडोज प्लेटफार्म को multiple devices के अनुसार तैयार किया गया। जिसे कि कंप्यूटर के अलावा Tablets और Windows Phone में भी इस्तेमाल किया जा सके। इसमें कुछ और नए दिलचस्प फीचर जोड़े गए, जैसे – माउस मोड, टेबलेट मोड और कीबोर्ड मोड में स्विच करना।

Microsoft Edge को विंडोज के इन नए version में कुछ नए रूप में प्रेजेंट किया गया। सभी यूनिवर्सल ऐप्स को विंडोज स्टोर से बड़ी ही आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। जो कि सभी तरह के विंडोज डिवाइसेस में कम्पेटिबल है और इन्हें आसानी से सभी तरह के विंडोज सपोर्टेड डिवाइसेस में रन किया जा सकता है। हम किसी भी क्वालिफाइड डिवाइस को आसानी से विंडोज में अपग्रेड कर सकते हैं, जैसे – कि PCs, Tablets, Smartphones और Xbox Consoles आदि।

Windows 11

Windows 11 को नई डिज़ाइन के साथ 5 October 2021 को लांच किया गया। जबकि इसकी घोषणा 24 June 2021 को ही कर दी गई थी। विंडोज OS को सिर्फ वही users अपग्रेड कर पाएंगे, जिनका PC विंडोज 11 के लिए कम्पेटिबल है। विंडोज का यह नया version सभी users के लिए नहीं है। इसे सबसे पहले PCs और Laptops के लिए ही रिलीज़ किया गया है।

विंडोज 11 को काफी सारे फीचर्स के साथ लांच किया गया है, जैसे – नया डिज़ाइन, स्टार्ट मेनू, snap लेआउट्स, widgets, टच डिजिटल पेन और वॉइस इनपुट का सपोर्ट आदि। इन सभी फीचर्स में से कुछ नए फीचर हैं तो कुछ पुराने हैं। इनमें से कुछ फीचर काफी ख़ास हैं, जैसे – Android Apps का सपोर्ट और Voice Typing.

Advantages of Microsoft Windows in Hindi

Easy to Use

माइक्रोसॉफ्ट ने अपने हर ऑपरेटिंग सिस्टम को एक नार्मल यूजर के अनुसार बनाया है। दूसरी कम्पनीज के ऑपरेटिंग सिस्टम के मुकाबले में विंडोज OS उपयोग करना बहुत ही आसान है। इसीलिए इसे किसी भी उम्र का व्यक्ति बड़ी ही आसानी से इस्तेमाल कर सकता है।

Hardware Support

विंडोज में आपको ज्यादातर हार्डवेयर कंपोनेंट्स का सपोर्ट मिलता है। क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के users की संख्या अधिक है। इसीलिए हमें माइक्रोसॉफ्ट विंडोज एक बेहतरीन हार्डवेयर सपोर्ट के साथ मिलता है।

Software

माइक्रोसॉफ्ट विंडोज की लोकप्रिय अधिक होने के कारण इसमें आपको ज्यादा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने को मिल जाते हैं। आप सभी किसी भी क्षेत्र से सम्बंधित सॉफ्टवेयर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही प्लेटफॉर्म्स पर आसानी से खरीद सकते हैं। इसकी ख़ास बात यह है कि हाई ग्राफ़िक्स के गेम्स को चलाने के लिए विंडोज को सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।

Develop App

विंडोज की एप्लीकेशन बनाने के लिए विंडोज प्लेटफार्म सबसे अच्छा माना जाता है। इसका एक कारण यह भी है कि विंडोज के कई सारे एप्लीकेशन अन्य सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर ठीक से कार्य नहीं करते हैं।

Compatibility

Compatibility होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप किसी भी सॉफ्टवेयर के पुराने version को भी आप विंडोज के नए ऑपरेटिंग सिस्टम पर आसानी से चला सकते हैं।

Plug & Play

विंडोज में कंप्यूटर हार्डवेयर का अच्छा सपोर्ट होने की वजह से प्लग एंड प्ले की सुविधा भी अच्छी मिलती है। इसी वजह से आप ज्यादातर डिवाइस को कनेक्ट करके तुरन्त चला सकते हैं।

Gaming Support

Gaming के लिए विंडोज के ऑपरेटिंग सिस्टम को सबसे ज्यादा बेहतरीन माना जाता है। क्योंकि विंडोज में आप हाई ग्राफ़िक्स के गेम्स को भी बड़ी ही आसानी से चला सकते हैं। विंडोज के आपको गेमिंग में इस्तेमाल होने वाले लगभग सभी स्पेशल हार्डवेयर का सपोर्ट मिलता है।

Disadvantages of Microsoft Windows in Hindi

Reliability

विंडोज में सिस्टम के हैंग होने से बचने के लिए विंडोज के सिस्टम को समय-समय पर Reboot करना जरूरी होता है।

High Storage Requirement

यदि आप लेटेस्ट विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को चलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अच्छे हार्डवेयर के साथ-साथ अच्छे स्टोरेज की भी जरुरत होती है। यही कारण है कि विंडोज के सभी users को अच्छे परफॉरमेंस वाले सिस्टम की ही सलाह दी जाती है। क्योंकि जिस भी सिस्टम में कम क्षमता वाली RAM / Hard Disk और Lower Processor होते हैं। उनमें हमेशा हैंग होने का डर लगा रहता है।

Security

Security के हिसाब से माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम, Linux जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम से बहुत कमजोर हैं। यही कारण है कि सिक्योरिटी के मामले में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम हमेशा से ही चर्चा में रहा है। इसके अलावा विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम के हैक होने का डर भी बहुत बना रहता है।

Price

माइक्रोसॉफ्ट ने हमेशा से ही इसकी कीमत को बहुत ज्यादा रखा है। वहीं हम दूसरे ऑपरेटिंग सिस्टम की बात करें तो वह इससे काफी कम price में मिल जाते हैं। उन्हीं में से एक Linux है।

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