आजकल लगभग सभी लोग गैजेट के बारे में जानते ही हैं । क्योंकि यह भी टेक्नोलॉजी के नए नए अविष्कारों का एक हिस्सा है । इस दौर में हमें जो Gadget देखने को मिलते हैं । वह वाकई बहुत ही अच्छी टेक्नोलॉजी से युक्त होते हैं ।
लेकिन हम यह भी मानते हैं, कि जो आजकल हमें गैजेट देखने को मिलते हैं । वह थोड़े महंगे होने के साथ ही उन में मिलने वाली खूबियों को भी बहुत अच्छा माना जाता है ।
अर्थात हम यह भी कह सकते हैं, कि अब जो गैजेट हम देख पाते हैं । उनमें कंप्यूटर प्राइस और इलेक्ट्रॉनिक आधार पर टेक्नोलॉजी से विकसित किए जाते हैं ।
यह भी बात सच है, कि पहले हमें इतने टेक्नोलॉजी से पूर्ण गैजेट देखने को नहीं मिलते थे । इसके कई कारण थे, लेकिन उनमें से जो मुख्य कारण था । वह टेक्नोलॉजी का पूरी तरह से विकसित ना होना था ।
अब समय धीरे-धीरे जैसे आगे बढ़ता गया वैसे ही गैजेट की टेक्नोलॉजी मैं भी बहुत से बदलाव देखने को मिले ।
गैजेट क्या है? | What is Gadget
अगर देखा जाए तो गैजेट शब्द आज के दौर मैं एक साधारण सा शब्द बन चुका है । लेकिन फिर भी कुछ लोग इससे आज भी परिचित नहीं है । अर्थात हम कह सकते हैं । कि आज भी बहुत कम लोग हैं जो गैजेट के बारे में अच्छी जानकारी रखते हो ।
गैजेट को अगर हम जाने की यह है । क्या तो इसको हम बड़ी ही सरल भाषा में समझते हैं । Gadget एक प्रकार का ऐसा उपकरण या यूं कहें कि एक विशेष प्रकार का टेक्नोलॉजी द्वारा बनाया गया उपकरण होता है ।
जिसमें की नई नई टेक्नोलॉजी का समावेश होता है । दिखने में इन Gadget की डिजाइन वाकई काफी सुंदर होती है । और इनको कंपनियों द्वारा बड़े ही अच्छे तरीकों और नई तकनीकों से इनका निर्माण किया जाता है ।
लेकिन यह बात भी सच है इन गैजेट की कीमत भी अधिक होती है । और यह यूजर को ऑनलाइन या ऑफलाइन दोनों तरीकों से उपलब्ध होते हैं ।
गैजेट का हिंदी में क्या अर्थ है? | Gadget Meaning in Hindi
Gadgets Meaning – देखा जाए तो गैजेट्स के हिंदी में बहुत सारे अर्थ होते हैं। लेकिन हम आम भाषा में इसे गैजेट्स या गैजेट के नाम से ही जानते हैं। लेकिन हिंदी में इसे “उपकरण” ही बोला जाता है। गैजेट्स मीनिंग इन हिंदी में इसके और भी अर्थ हैं जो कि निम्न प्रकार हैं
1. मशीन
2. यंत्र
3. जुगत संग्रह
4. औजार
गैजेट की परिभाषा | Definition of Gadget
“जिन उपकरण या मशीन को एक विशेष कार्य के लिए बनाया जाता है उसे ही गैजेट कहा जाता है । इसे मनुष्यों के रोज मर्रा के कार्यों को आसान करने के लिए बनाया जाता है। “
गैजेट का इतिहास | History of Gadget
गैजेट शब्द को ऑक्सफोर्ड अंग्रेजी शब्दकोश से लिया गया है। देखा जाए तो 19 वीं सदी में गैजेट शब्द की उत्पत्ति हुई थी। सबसे पहले रॉबर्ट ब्राउन ने अपनी पुस्तक “ए सेलर बोयज लोग ऑफ़ ए बोयजी आउट एंड होम इन ए चाइना टी-किपर” और “स्पूनयार्ड एंड स्पिनड्रिफ्ट” में “गैजेट” शब्द का उपयोग 1986 में किया था।
गैजेट पर टेक्नोलॉजी का योगदान | Contribution of technology on gadgets
वैसे तो गैजेट टेक्नोलॉजी की ही देन है । क्योंकि गैजेट को एक प्रकार से विकसित टेक्नोलॉजी का ही रूप माना जाता है । गैजेट को नई-नई टेक्नोलॉजी की मदद से बहुत ही सुंदर डिजाइन किया जाता है । और इनको काफी हल्का और चलाने में बहुत आसान बनाया जाता है ।
अगर हम टेक्नोलॉजी की बदलते रूप रेखा को समझे तो हमें कुछ-कुछ समय बाद नए-नए Gadgets देखने को मिलते हैं । वह भी नए-नए फीचर के साथ इस समय हमारी टेक्नोलॉजी इतनी आगे आ चुकी है । कि गैजेट बहुत छोटे आने लगे हैं और यह दिखने में भी बहुत सुंदर होते हैं ।
गैजेट से होने वाले नेगेटिव प्रभाव
यह हमारे लिए बहुत ही चौंकाने वाली बात है । क्योंकि गैजेट हमारी सुविधा और मनोरंजन के लिए होते हैं । लेकिन इन गैजेट से होने वाले कुछ नेगेटिव प्रभाव भी होते हैं, निम्न प्रकार हैं ।
1. समय की बर्बादी
2. आंखों पर बुरा प्रभाव
3. स्वभाव में बदलाव आना
समय की बर्बादी
आज के समय में हर कोई व्यक्ति व्यस्त रहता है । लेकिन फिर भी कुछ लोग ज्यादातर मोबाइल आदि में अपना कीमती समय गवा देते हैं । जैसे सोशल मीडिया पर चैट करना आदि । हमें इनको समय-समय पर उपयोग में लेना चाहिए, ताकि हमारा कीमती समय बच पाए ।
आंखों पर बुरा प्रभाव
गैजेट को ज्यादा देर तक यूज में लेने पर हमारी आंखों पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है । क्योंकि यह गैजेट हमें लगातार ज्यादा देर तक यूज़ में नहीं लेना चाहिए ।
लेकिन आजकल बच्चे गेम, चैटिंग मैं मोबाइल जैसे उपकरणों को ज्यादा समय तक उपयोग में लाते हैं । जिससे कि आंखों पर बुरा प्रभाव होने का एक विशेष कारण है । अर्थात कहने का मतलब यह है, कि हमें इनको अपने मनोरंजन कार्य के तौर पर यूज़ में लेना चाहिए ।
स्वभाव में बदलाव आना
अगर हम गैजेट को लगातार यूज में लेते हैं । तो इससे हमारे सुबह में भी काफी बदलाव होने लगते हैं । जैसे कि स्वभाव में चिड़चिड़ापन आना आदि । हमें गैजेट का प्रयोग समय पर ही करना चाहिए ।